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जयपुर तक/ जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट:
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राजस्थान में कांग्रेस सरकार की खींचतान अब सड़क पर आती हुई दिख रही है। पार्टी में गुटबाजी अब खुलकर सामने आ रही है। हाल ही में पार्टी में हो रही एक के बाद एक कुछ घटनाओं ने यह साबित कर दिया है कि कांग्रेस का संगठन और सरकार दो खेमों में बंट गया है। एक तरफ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हैं, तो दूसरी ओर उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट। यह दोनों आजकल एक दूसरे का चेहरा देखना भी पसंद नहीं क्र रहे है। 

अभी हाल ही में भंडाना (दौसा) में सचिन पायलट के पिता व पूर्व केंद्रीय मंत्री राजेश पायलट की पुण्यतिथि पर आयोजित प्रार्थना सभा में सरकार के 15 मंत्रियों सहित 62 विधायक पहुंचे, लेकिन मुख्यमंत्री इस कार्यक्रम में अनुपस्थित थे। सीएम ने सिर्फ ट्विटर के जरिए श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके ठीक एक दिन बाद जब गहलोत जयपुर में एमएसएमई के एक पोर्टल की शुरुआत  पहुंचे थे तो कई बड़े मंत्री जयपुर में होने के बावजूद वहां नहीं गए।

प्रदेश नेताओं की बयानबाजी पर नाराजगी व्यक्त करते हुए प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने एक सर्कुलर जारी करके इस तरह की बयानबाजी से बचने को कहा गया था। इसी दौरान कांग्रेस के एक विधायक ने अपने नाम का खुलासा न करने की शर्त पर कहा, 'लोगों का संगठन में खींचतान से कोई संबंध नहीं है। लेकिन अगर उससे सरकारी कार्यो पर कोई प्रभाव पड़ता है तो उससे जनता में अच्छा संदेश नहीं जाता और न ही पार्टी के समर्थक व कार्यकर्ता अच्छा महसूस करते हैं।' 


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DESK HP NEWS

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